Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi 2023

Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi: अगर आप Electric Vehicle खरीदने के बारे में सोच रहे हैं? तो आपको E-Vehicles के मुख्य फीचर्स के बारे में पता होना काफ़ी ज़रूरी हैं।

आज के इस लेख में बताए हुए Important Points को पढ़े-समझे और जब भी आप नई Electric Vehicle ख़रीदने जाए तब इन पॉइंट्स (Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi)  को अपने ध्यान में रखें।

तो आइए, बढ़ते हैं आज के मुख्य विषय की ओर और जानते है Electric Vehicle खरीदने से पहले किन बातों का ख़ास ख्याल रखना चाहिए (Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi):

नया ई-वाहन खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान (Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi)

रेंज:

E-Vehicle खरीदते वक्त आपको सबसे पहले उस Electric Vehicle की माइलेज क्या है? इसके जानकारी लेनी चाहिए। यानी, एक बार बैटरी को फूल चार्जिंग करने पर Electric Vehicle कितने किलोमीटर चलने में सक्षम है।

इसीलिए Electric Vehicle खरीदने से पहले, अपने दैनिक कार्यो के अनुसार ही E-Vehicle का चयन करें। Electric Vehicle खरीदने से पहले कोशिश करें की Affordable Price में अच्छी रेंज वाली E-Vehicle मिल सके।

क्योंकी, अक्सर देखा गया है कि कुछ E-Vehicle की सबसे बड़ी समस्या ये है कि E-Vehicle’s battery की limited operating range है।

बैटरी की लाइफ:

Electric Vehicle की बैटरी की लाइफ ये सभी की अलग-अलग होती है। इसलिए E-Vehicle खरीदने से पहले बैटरी के अपेक्षित बैटरी की लाइफ क्या है? और बैटरी की वारंटी कितने सालों तक है?

इस पर रिसर्च ज़रूर करें। आपको बता दू, ज़्यादातर Electric Vehicle manufacturers ये E-Vehicle की battery और motor पर आमतैर पर लगभग 8 साल की warranty देते हैं।

हालांकि, कुछ E-Vehicles की warranty महज़ 3 से 4 सालों की होती हैं।

भारत में ज़्यादातर बैटरी की वारंटी वाले Electric Vehicles की List कुछ इस प्रकार है:

  • Hyundai Kona Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 10 साल है।
  • Nissan Leaf EV Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 8 साल है।
  • Tata Tigor EV Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 8 साल है।
  • Mercedes-Benz EQC Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 8 साल है।
  • Jaguar I-Pace Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 8 साल है।
  • Tata Nexon EV Electric Vehicle की बैटरी की वारंटी 8 साल है।

चार्जिंग:

भारत में Charging Infrastructure की काफ़ी आभाव है, जिस वज़ह से Electric Vehicles का Market काफ़ी कम गति से विकसीत हो रहा है जिसके चलते low range Electric Vehicles को रिचार्ज करने का प्रश्न निर्माण होता हैं।

हालांकि, घर पर आप Electric Vehicle की चार्जिंग कर सकते हैं, लेकिन लम्बी यात्रा के दौरान public charging stations की काफ़ी ज़रूरत हैं।

यदि वर्तमान में आपके पास low range की कोई भी E-Vehicle हैं, तो आपको इस बारे में अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।

वहीं, अगर बात करें Electric Vehicles की तो उसमें fixed battery आती है, जिसका stable charging ही एकमात्र option होता है। वहीं, कुछ  वाहन swappable /removable batteries देते हैं।

आपको बता दू, swappable/ removable battery को आप वाहन से अलग कर उसे recharge किया जा सकता है।

प्रदर्शन (Keep These Points In Mind Before Buying New E-Vehicle In Hindi):

जब हम power की बात करते हैं, तब Electric Vehicles के मुकाबले पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले Vehicle अधिक powerful होते हैं। हालांकि, आपको बता दू, आए दिन modern electric vehicles भी Latest Technology से Updates हो रहे हैं, जिस वज़ह से electric vehicles में भी power के साथ-साथ performance में भी Improvement देखने को मिल रही हैं।

इसलिए किसी भी Electric Vehicle को खरीदने से पहले अच्छी तरह research करना काफ़ी ज़रूरी है। इसके अलावा, Electric Vehicle में Gas पर चलने वाली Vehicles की तुलना में अलग-अलग Driving Characteristics हैं।

U. S. Department of Energy के अनुसार, Electric Vehicle वाले अपनी कुल ऊर्जा के लगभग 77 प्रतिशत ऊर्जा केवल पहियों पर बिजली में convert करते हैं जबकि gasoline-powered vehicles में महज़ 12 प्रतिशत और 30 प्रतिशत ऊर्जा के बीच convert होती हैं। वो energy का conversion Electric Vehicles को ICE vehicles की तुलना में 2 से 3 गुना ज़्यादा efficient बनाती है। जिसके परिणाम स्वरूप इससे पर्यावरण में काफ़ी कम प्रदूषित होता है।

सुरक्षा:

Gasoline Powered Cars की तुलना में Electric Cars में कई तरह से सुरक्षा के लाभ हैं। Electric Cars में कम चलने वाले हिस्से होते हैं, जिससे mechanical failure की ज़ोखिम कम हो जाती है, और इससे battery को overheating बढ़ने पर रोकने के लिए designed किया गया हैं।

इसके अलावा, Electric Cars वायु प्रदूषण (air pollution) से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के ज़ोखिम को कम करते हुए zero emissions उत्पन्न करते हैं। हालांकि, Electric Cars से जुड़े दूसरी accidents को संभालने के लिए emergency responders के लिए सही प्रशिक्षण व सुरक्षा उपायों को लागू किया जाना है।

वहीं, आमतौर पर Electric Vehicle को अधिक सुरक्षित माना जाता है, परंतु आपकी जिस E-Vehicle को ख़रीदने की रुचि हैं, उस वाहन की सुरक्षा रेटिंग व सुविधाओं की जांच करना काफी महत्वपूर्ण है।

कम ईंधन लागत:

पेट्रोल, डीज़ल और CNG वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिकल वाहन (E-Vehicles) काफ़ी कम खर्चीले और low maintenance है।

इसमें वो user आते हैं, जो 120-volt household outlet से नियमित प्लग कर के सभी Electric Vehicle और plug-in hybrids को Charge किया जा सकता हैं। हालांकि, इसमें प्रति घंटे 3 से 5 मील की range मिल सकती है।

वहीं, अधिकतर Electric Vehicle’s Owners अपने घर में charging station लगाते है, जिस वजह से उनके Electric Bill में मामूली वृद्धि होती है।

उम्मीद करता हुं की उपरोक्त दी गई जानकारी आपके या आपके किसी जाननेवालो के काम आयेगी|

हम आपके विचारों का और सुझावों का हमेशा स्वागत करते हैं।

कृपया अपनी टिप्पणी नीचे दें|

जल्द ही फिर मिलते हैं एक और रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ!

तब तक के लिए मुस्कुराते रहिए और खुश रहें|

| जय हिंद |

| वंदे मातरम ।

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