Electric Cars Pros And Cons In Hindi: इलेक्ट्रिक कार क्या है, ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान

Electric Cars Pros And Cons In Hindi: इलेक्ट्रिक कार क्या है, ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान

दोस्तों आज इलेक्ट्रिक कार या ई-कार चलाना कई लोगों का सपना है। वहीं, वर्तमान में युवाओं में ई-कार की लोकप्रियता सबसे ज्यादा बढ़ी हैं। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे कि इलेक्ट्रिक कार चलते समय आवाज़ नहीं करती और ना  ही किसी तरह का प्रदूषण फैलाती है। इस लेख में जानिए Electric Car Kya Hain (What Is Electric Cars In Hindi), ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान (Electric Cars Pros And Cons In Hindi)

तो आइए आज के इस आर्टिकल में इलेक्ट्रिक कार के बारे में विस्तार से जानते हैं:

Contents

इलेक्ट्रिक कार का इतिहास क्या है? (Electric Cars History In Hindi)

इस दुनिया में सबसे पहली इलेक्ट्रिक कार 1880 में संयुक्त राज्य अमेरिका के आयोवा में दौड़ी थी। यह विलियम मॉरिसन द्वारा बनाई गई थी जो २३ किलोमीटर प्रति घंटे की गति दौड़ने में सक्षम थी। लेकिन पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहन अधिक लोकप्रिय हुए। 

हालांकि 1970 और 1980 के दौरान निर्माण हुए ऊर्जा संकट ने एक बार फिर इलेक्ट्रिक कार पर विकल्प के तौर पर विचार करने के लिए बाध्य किया। और इसका नतीजा यह हुआ कि आज पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन तगड़ी कॉम्पिटिशन दे रहे हैं। 

इलेक्ट्रिक कार के प्रकार (Electric Car Types In Hindi)

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (Hybrid Electric Vehicle In Hindi)

 

Electric Cars Pros And Cons In Hindi: इलेक्ट्रिक कार क्या है, ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान

 

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (कार) यह ईंधन और इलेक्ट्रिक पावर इन दोनों ऊर्जा से चलती हैं। कार की बैटरी चार्जिंग करने के लिए कार की खुद की ब्रेकिंग सिस्टम से इलेक्ट्रिक पावर जनरेट की जाती है। इसे रि-जनरेटिव ब्रेकिंग भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया से इलेक्ट्रिक मोटर व्हीकल को धीमा करने में मदद होती है। वहीं ब्रेक के जरिए हीट में कन्वर्ट होने वाली एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है।

प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (Plug-In Hybrid Electric Vehicle In Hindi)

 

Electric Cars Pros And Cons In Hindi: इलेक्ट्रिक कार क्या है, ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान

 

प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल को आमतौर पर एक्सटेंड-रेंज इलेक्ट्रिक कार के तौर पर भी जाना जाता हैं। इस तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल को पेट्रोल और बिजली दोनों के जरिए ऊर्जा मिलती है। प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल रिजनरेटिव को ब्रेकिंग और प्लगिंग-इन के जरिए एक्सटर्नल इलेक्ट्रिक चार्जिंग आउटलेट से चार्ज कर सकते है।

बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (Battery Electric Vehicles In Hindi)

 

Electric Cars Pros And Cons In Hindi: इलेक्ट्रिक कार क्या है, ई-कार के प्रकार, फायदे और नुकसान

 

यह एक फुल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल है, जिसका मतलब है इसे केवल इलेक्ट्रिक पावर के द्वारा ही चलाया जाता है। इसमें पेट्रोल या डीज़ल इंजन या अन्य कोई फ़्यूल टैंक नहीं दिया जाता है। बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्लग-इन इलेक्ट्रिक व्हीकल के तौर पर जाना जाता है। क्योंकि इन कार में बैटरी को चार्ज करने के लिए बाहर के इलेक्ट्रिक चार्जिंग आउट-लेट का इस्तेमाल किया जाता है।

हाइब्रिड कार और इलेक्ट्रिक कार में क्या मुख्य अंतर है (Difference Between Hybrid Car And Electric Car In Hindi)

ऊर्जा (एनर्जी) के स्रोत

ई-कार को चलने के लिए ऊर्जा (एनर्जी) केवल उसके बैटरी से मिलती है, जबकि हाइब्रिड कार चलाने के लिए दो एनर्जी स्रोत (ईंधन और बैटरी) होते है। 

प्रदर्शन

ई-कार पूरी तरह बैटरी पर निर्भर रहती है। यानि यदि कभी इसकी बैटरी ख़त्म हो गयी तो ई-कार वही रुक जाएगी। वहीं, हाइब्रिड कार में २ इंजन का इस्तेमाल किया होता है इसलिए यदि इस कार की बैटरी ख़त्म हो जाती तब हाइब्रिड कार पेट्रोल इंजन पर ओटो स्विच हो जाती है। 

रिजनरेटिव ब्रेकिं

हाइब्रिड कार की यह विशेषता होती है कि रिजनरेटिव ब्रेकिंग की मदद से हाइब्रिड कार की बैटरी खुद को चार्ज भी करती रहती है। यानि पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल कर हाइब्रिड कार चलाती है और चलते समय जब ब्रेक लगते है तब इलेक्ट्रिक जेनेरेटर कार की बैटरी को चार्ज करता है। इससे फायदा ये होता है कि आपको चार्जिंग स्टेशन पर रुक कर बैटरी चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि यह फ़ीचर ई-कार में नहीं होता है। 

पर्यावरण

आमतौर पर हाइब्रिड कार और इलेक्ट्रिक कार ये दोनों ही पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद है। लेकिन यदि आप दोनों में तुलना करते हैं तो आप पाएंगे कि हाइब्रिड कार में पेट्रोल इंजन का उपयोग किया जाता है जिसे चलने के लिए ईंधन की जरूरत होती है। हाइब्रिड कार जब भी पेट्रोल (ईंधन) इंजन का उपयोग करेगी तब वह प्रदूषण करेगी। लेकिन, इलेक्ट्रिक कार प्रदूषण नहीं करती।

इलेक्ट्रिक कार के फायदे और नुकसान (Electric Cars And Pros Cons In Hindi)

इलेक्ट्रिक कार के फायदे (Electric Cars Pros In Hindi)

चाहे बात सस्ते ईंधन की हो या बात हो पर्यावरण कि इलेक्ट्रिक कार लोगों की सभी ज़रूरतों पर खड़ी उतरते नज़र आ रही है।

महंगे ईंधन से निजात

इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को आप बड़े आराम से अपने घर पर चार्ज कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक कार ईंधन पर चलने वाली कार की तुलना में काफ़ी सस्ती पड़ती है। यह ई-कार का सबसे बड़ा फायदा है। 

सुविधा जनक है

ई-कार को रिचार्ज करने की प्रक्रिया भी काफ़ी आसान होती है। इलेक्ट्रिक कार चार्ज करना उतना ही आसान है जितना की आपका मोबाइल फ़ोन चार्ज करना। बिजली की प्रति यूनिट दर यह ईंधन से काफ़ी कम है। 

पर्यावरण अनुकूल

ई-कार किसी भी पर्यावरण प्रेमी चालक की पहली पसंद होती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि ई-कार के इंजन से प्रदूषित गैस नहीं निकलता है। जैसे कि जिस टेक्नोलॉजी पर हमारे घर में लगे पंखे चलते हैं, ठीक उसी टेक्नोलॉजी पर आधारित है इलेक्ट्रिक कार चलती है। ई-कार के पहियों को दौड़ने के लिए मोटर लगे होते है जो बैटरी की सहायता से चलते हैं।

सुरक्षित है

जिस टेस्टिंग की प्रक्रिया से ईंधन पर चलने वाली कार गुजरती हैं, ठीक उसी टेस्टिंग की प्रक्रिया से ई-कार भी गुज़रती है। ई-कार को भी अन्य करों की तरह सभी सुरक्षा से जुड़े मानकों पर खड़ा उतरना ज़रुरी होता है। 

कम मेंटेनन्स

इलेक्ट्रिक कार बिजली के इस्तेमाल से मोटर के जरिये चलती है। इसीलिए ई-कार में किसी प्रकार का कोई कम्ब्यूसशन नहीं होता है। यही प्रमुख कारण है कि इलेक्ट्रिक कार को काफ़ी कम मेंटेनन्स लगता हैं।

इलेक्ट्रिक कार के नुकसान (Electric Cars Cons In Hindi)

जैसे हर एक चीज के दो पहलु होते हैं| वैसे ही हर फ़ायदेमंद चीज़ के कुछ नुकसान भी होते हैं। तो आयें जानते हैं ई-कार के नुकसान के बारे में: 

रिचार्ज पॉइंट की कमी

ई-कार खरीदने वाले लोगों को सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें रिचार्ज प्वाइंट ढूंढने पड़ते है। भारत में आज भी रिचार्ज प्वाइंट की काफी कमी हैं। छोटे शहरों में तो एक या दो रिचार्ज प्वाइंट मौजूद है। इसी वजह से ई-कार को सफ़र के दौरान रिचार्ज करना आज भी एक बड़ी समस्या है। 

बिजली के बढ़ रहें दाम

यदि आप किसी ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं तो आपको बिजली के दामों में कुछ हद तक छूट मिलती है या वहां शहरों की तुलना में बिजली थोड़ी सस्ती हो सकती है। परंतु यदि आप बड़े शहरों (जैसे कि मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, कोलकाता आदि) में रहते हैं तो आपको बिजली महंगी पड़ती हैं। परंतु एक बात ध्यान रखना चाहिए कि बिजली से ज़्यादा महंगे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम। 

ड्राइविंग रेंज

वर्तमान में एक बार बैटरी को फूल रिचार्ज करने पर भारत में मौजूद ई-कारें 200 से 300 किमी की रेंज देती है। असल मायने में देखा जाए तो ये काफ़ी कम है। इसीलिए आज भी लोग लम्बी दूरी के लिए इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल करने से कतराते हैं। 

रिचार्ज में अधिक समय लगता है

इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को 0% से 100 % चार्ज करने में लगभग 5 से 8 घंटे लग सकता है। इस लगने वाले कालावधि से बचने के लिए भी लोग इलेक्ट्रिक कार लेने में कतराते हैं। 

विकल्प की कमी

पेट्रोल या डीजल पर चलने वाली कारों के लिए आज भी एक प्राइस रेंज में कई प्रकार के विकल्प मौजूद हैं। वहीं, ई-कार में यह स्थिति बिलकुल विपरीत हैं। यदि कोई इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहता है तो उसके लिए एक प्राइस रेंज में समिति विकल्प मौजूद हैं। 

निष्कर्ष (Electric Cars Pros And Cons In Hindi):

इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि इलेक्ट्रिक कार या ई-कार का इतिहास क्या है?, इलेक्ट्रिक कार के प्रकार क्या है? और इलेक्ट्रिक कार के फायदे और नुकसान क्या हैं? आदि। आशा करते है इस लेख को पढ़ने के बाद अब शायद आपके मन में अब कोई सवाल नहीं रहा हो। लेकिन, यदि आपके मन में कोई सवाल अभी-भी मौजूद है तो आप कृपया कमेंट करके ज़रूर पूछे। हमारा प्रयास होगा कि आपके सारे सवालों के सटीक जवाब आपको दे सकें। 

उम्मीद करता हुं की उपरोक्त दी गई जानकारी आपके या आपके किसी जाननेवालो के काम आयेगी|

हम आपके विचारों का और सुझावों का हमेशा स्वागत करते हैं।

कृपया अपनी टिप्पणी नीचे दें|

जल्द ही फिर मिलते हैं एक और रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ!

तब तक के लिए मुस्कुराते रहिए और खुश रहें|

| जय हिंद |

| वन्दे मातरम ।

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