Electric Vehicle Insurance In Hindi: EV के लिए Insurance लेते समय इन बातों का ख़ास ध्यान रखें

Electric Vehicle Insurance In Hindi: EV के लिए Insurance लेते समय इन बातों का ख़ास ध्यान रखें

पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतें और Internal Combustion Engine (ICE) वाहनों के अधिक Carbon Emissions को लेकर बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं के वज़ह से भारत समेत पूरी दुनिया में Electric Vehicle की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं।

वहीं, भारत सरकार और राज्यों की सरकारे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लेकर आ रही हैं, जिसमे Electric Vehicle पर सब्सिडी और टैक्स में छूट आदि शामिल हैं।

ऐसे में यदि आप भी Electric Vehicle खरीदने का सोच रहे हैं या आप बोहत जल्द Electric Vehicle लेने वाले हैं तो उसके लिए आपको Electric Vehicle Insurance लेना काफ़ी जरूरी हो जाता है। ऐसे में आपको कुछ बातों का ख़ास रखना ज़रूरी हो जाता हैं।

तो आईये Electric Vehicle Insurance In Hindi के बारे में काफी विस्तार से जानते है आज के इस आर्टिकल में और बढ़ते हैं आज के मुख्य विषय की ओर और जानते हैं Electric Vehicle Insurance Lete Samay Kin Baton Ka Khaas Khayal Rakhna Chahiye:

1. पर्याप्त Cover होना आवश्यक है:

Electric vehicles ये Fuel Vehicles की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। इसलिए, Electric vehicle Owner को ऐसी Policy चुनने को Suggest किया जाता है, जो vehicle को पूरी तरह से Cover करता हो न कि सिर्फ़ third party को cover करें। इसके अलावा, जो सिर्फ़ किसी third party व्यक्ति, property या Vehicle को हुए नुकसान को Cover करें।

इसके साथ-साथ, wider protection के लिए insurance company द्वारा प्रस्तावित add-on covers भी देखें। वहीं,अलग-अलग add-on के लिए आपको अलग-अलग premium ये insurer के लिए अलग-अलग हो सकता हैं।

2. Premium देखना भी काफी ज़रूरी हैं:

Petrol और Diesel Variants की तुलना में, आपको Electric vehicles के लिए अच्छी insurance policy के लिए Premium भी अधिक होगा। ऐसा  battery replacement cost और repair cost की लागत के वजह से हो सकता है। ऐसा Electric vehicle में उपयोग की जाने वाली advanced technologies के वजह से भी होता हैं, जिससे Cost बढ़ सकती है। हालांकि, third-party premium पर Client लगभग 15 % छूट पा सकता हैं। यानी, आप competitive rates पर electric cars के लिए Electric vehicle insurance प्राप्त कर सकते हैं।

3. Zero-Depreciation Add-on है:

आपको बता दे कि Electric Vehicle के components को काफ़ी high technology की मदद से बनाया जाता है व इसकी लागत भी दूसरों से अधिक हो सकती हैं। Zero-Depreciation Add-on coverage Claim के दौरान फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि depreciation के आधार पर calculatetion की amount माफ़ कर हो सकती है और इसके नुकसान के वजह से Total Amount का भुगतान हो सकता है।

4. Location और premium पर प्रभाव:

Electric Vehicle का Location और प्रकार सीधे Policy की underwriting पर दिखाया जाता है। उदाहरण के तौर पर देखे तो, यदि कुछ Locations पर Electric Vehicles की चोरी होने का ख़तरा अधिक होता है या किसी Locations पर Electric Vehicle Battery ज़ल्दी ख़राब हो जाती है तब वहां premium भी अधिक होता है।

5. Insured Declared Value:

कई Insurance Companies, अपने योजना के मुताबिक अलग-अलग Insured Declared Value (IDV) को Offer करती हैं। वहीं, इससे पहले कि आप अपनी नज़दीकी या अपने पसंद के Insurer की तरफ से अपने प्रस्तावित की Insured Declared Value की जांच करते है, तो इसके लिए ये ज़रूरी है कि आप इसकी Current Market Value की Valuation करनी है।

वहीं, जब आप Electric Vehicle Insurance Policies की तुलना करते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करें कि आप ऐसा Insurer को खोजें रहे हैं जो की एक Insured Declared Value को Offer करता हो और वो Market Rate के सबसे करीब हो। ये आपको वाहन के चोरी या वाहन नुकसान के मामले में काफ़ी उपयोगी हो सकता हैं।

उम्मीद करता हुं की उपरोक्त दी गई जानकारी आपके या आपके किसी जाननेवालो के काम आयेगी|

हम आपके विचारों का और सुझावों का हमेशा स्वागत करते हैं।

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जल्द ही फिर मिलते हैं एक और रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ!

तब तक के लिए मुस्कुराते रहिए और खुश रहें|

| जय हिंद |

| वंदे मातरम ।

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